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- Char Dham Yatra 2023 Online And Offline Registration Will Start From 20 February 2023
- Posted On : 10 Feb 2023
- Category : Char Dham
Char Dham Yatra 2023: 20 फरवरी से शुरू होंगे पंजीकरण, ऑनलाइन-ऑफलाइन दोनों की होगी व्यवस्था
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी है। मंगलवार को गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार ने ऋषिकेश में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा सीजन की पहली बैठक की। बैठक के दौरान पूर्व में यात्रा के दौरान आई समस्याओं और उनके निराकरण के साथ व्यवस्था तैयार करने पर चर्चा की गई।
इस दौरान तय किया गया कि यात्रा के लिए पंजीकरण 20 फरवरी से शुरू होंगे। पंजीकरण के लिए ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन व्यवस्था भी होगी। कहा गया कि इसके लिए अन्य राज्यों में पत्र व्यवहार कर वहां यात्रा से संबंधित जानकारी दी जाए। इस बार ऑनलाइन पंजीकरण के साथ ऑफलाइन पंजीकरण की व्यवस्था होगी। पीपलकोटी, हेलंग, पांडुकेशर और गोविंद घाट यात्रा पड़ाव पर सुविधाएं बढ़ाई जाएं।साथ ही यह भी तय हुआ कि परिवहन और पर्यटन विभाग के एक ही एप से पंजीकरण करवाया जाएगा। गत वर्ष दो एप से पंजीकरण होने के चलते यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी।
गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान बदरीनाथ और केदारनाथ मंदिर में बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की ओर से जो व्यवस्था की जाती है, वह यात्रा के दौरान नजर नहीं आती। किसी यात्री को आधे घंटे तक दर्शन कराए जाते हैं तो किसी को चार मिनट का भी समय नहीं मिल पाता। उन्होंने मंदिर समिति को एसओपी बनाने के निर्देश दिए।
यात्रा में पंजीकरण के लिए पर्यटन और परिवहन विभाग के दो अलग-अलग एप की जगह एक ही एप का प्रयोग किया जाए। ऋषिकेश में एनएच 58 और श्यामपुर पुलिस चौकी से नटराज चौक लेफ्ट टर्न में जो बिजली के पोल बाधक बन रहे हैं, उन्हें तुरंत हटाया जाए। यात्रा के दौरान भूस्खलन वाले स्थानों पर दोनों तरफ जेसीबी तैैनात की जाएं। वहां संबंधित जेई, एई और थाना प्रभारी का मोबाइल नंबर लिखा जाए। बैठक में अलग-अलग जिलों के जिलाधिकारी और एसएसपी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हुए।
इस बार कोई कंपनी रोटेशन से नहीं होगी बाहर
चारधाम यात्रा में रोटेशन के अधीन 1600 बसें चलेंगी। 1100 बसें उपलब्ध है। इस बार कोई भी कंपनी रोटेशन से बाहर नहीं हो सकेेगी। आरटीओ ने गढ़वाल आयुक्त से संबंधित परिवहन कंपनियों को निर्देश देने को कहा है। नगर निगम सभागार में आयोजित बैठक में आरटीओ प्रशासन सुनील कुमार ने कहा कि हमें 1600 बसों की जरूरत है। जबकि हमारे पास रोटेशन के 1100 बसें उपलब्ध है। केएमओयू की 50 बसें मंगाई जाएगी। जबकि 50 बसें रोडवेज की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। कोई भी ट्रांसपोर्ट कंपनी रोटेशन से बाहर नहीं होगी। पिछले साल यातायात एवं पर्यटन विकास सहकारी संघ लि. और दून वैली रोटेशन से बाहर थी। उन्होंने बताया कि इस बार ट्रांसपोर्टर 150 नई बसें ला रहे हैं। एक परिवहन कर अधिकारी की तैनाती की जाएगी, जो विभाग को यह डाटा उपलब्ध कराएगा कि कितनी बसें चारधाम यात्रा पर गई, कितने आई। कितनी बसें यात्रा पर जाने के लिए तैयार हैं। कहा कि पिछले साल यात्रा चेक पोस्ट पर कनेक्टिविटी न होने से बसों को ऑनलाइन चेक करने में परेशानी हुई थी। इस बार इस व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा। गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि पंजीकृत यात्रियों और वाहनों की संख्या को लेकर सामंजस्य बनाया जाए।
दो चालक रखने का विरोध
बैठक में आईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल ने कहा कि पिछले साल उत्तरकाशी के डामटा में मध्यप्रदेश के खजुराहो जिले के यात्रियों की बस गिर गई थी। इस बस में एक चालक था। इसलिए इस बार से हर बस में दो चालक होने चाहिए। बसों में दो चालक रखे जाने पर टीजीएमओ के अध्यक्ष जितेंद्र नेगी ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि हमारे पास 1400 बसें तो हैं लेकिन चालक नहीं हैं। ऐसे में यात्रा की बसों में दो चालक रखना संभव नहीं है।
बदरीनाथ में कथा की अनुमति न मिले
उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने कहा कि चारधाम के यात्रा के पीक पर होने के दौरान चमोली जिला प्रशासन की ओर से बदरीनाथ में श्रीमद भागवत कथा करने की अनुमति दी जाती है। जिससे अव्यवस्था हो जाती है। उन्होंने गढ़वाल आयुक्त से कथा की अनुमति न देने की मांग की। आयुक्त ने डीएम चमोली को निर्देशित किया। डस्टबीन लगाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह संभव नहीं है। आयुक्त ने कहा कि केंद्र के निर्देश हैं लगाने होंगे।
नोडल अफसर की तैनाती हो
बैठक में संयुक्त रोटेशन यात्रा व्यवस्था समिति के अध्यक्ष संजय शास्त्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए बसों के संचालन को लेकर एक नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए। जो देहरादून, टिहरी और पौड़ी जिले के अधिकारियों को दिशा निर्देश दे सके। कहा कि पिछले साल धामों में यात्रियों की संख्या बढ़ने पर यात्रा पर जाने वाली 50-50 बसों को भद्रकाली और ब्रह्मपुरी बैरियर पर रोक दिया गया था।
श्रद्धालुओं के लिए टोकन व्यवस्था लागू होगी
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए धामों में टोकन व्यवस्था लागू होगी। दर्शन की बारी आएगी तो वे उससे कुछ समय पहले वहां पहुंच जाएंगे। इससे धामों में भीड़ कम होगी और वहां व्यापारिक गतिविधियों को मदद मिलेगी। लोग खाली समय में खरीदारी कर सकेंगे।
देहरादून से केदारनाथ के लिए सीधे हेली सेवा पर हो रहा है विचार
मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने बताया कि केदारनाथ के लिए देहरादून से भी हेली सेवा शुरू करने पर विचार हो रहा है।
पिछले साल करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्री पहुंचे चारधाम
2022 में कोरोनाकाल के दो साल बाद बिना बंदिशों के चली चारधाम यात्रा ने पिछले साल नया रिकॉर्ड बनाया था। पहली बार चारों धामों में करीब 46 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। 19 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा का समापन हो गया था।
बता दें कि पिछले वर्ष बदरीनाथ धाम में 17 लाख 60 हजार 646 श्रद्धालु पहुंचे थे। वहीं, रिकॉर्ड संख्या में गंगोत्री धाम में 624451 तीर्थ यात्री पहुंचे जबकि यमुनोत्री धाम में 485635 तीर्थ यात्री दर्शन के लिए पहुंचे। केदारनाथ यात्रा में रिकॉर्ड 15 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे। जबकि यात्रा से 211 करोड़ का कारोबार हुआ था।
Source : https://www.amarujala.com