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- Posted On : 04 Mar 2023
- Category : Amarnath
Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा पर जाने का बना रहे हैं प्लान? यह है रूट, जान लें कैसे आसानी से पहुंचेंगे
Amarnath Yatra 2023: अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) को लेकर श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह रहता है. सबसे बड़ा सवाल होता है कि यह यात्रा कब से शुरू होगी और इसका रूट (Amarnath Yatra Route) क्या है. तो अमरनाथ यात्रा से जुड़े तमाम सवालों के जवाब हम आपको इस खबर में देने जा रहे हैं. बाबा अमरनाथ के भक्तों के लिए अच्छी खबर यह है कि प्रशासन ने यात्रा से जुड़ी तमाम तैयारियों को जून के मध्य तक पूरा करने की समय सीमा तय कर दी है.
अमरनाथ गुफा समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां श्री अमरनाथ की गुफा में भगवान शिव हिमलिंग स्वरूप विराजमान हैं. भगवान शिव के मुख्य दर्शन और मुख्य पूजा का विधान श्रावण पूर्णिमा को होता है, उसी दिन यात्रा संपन्न मानी जाती है. इस साल श्रावण पूर्णिमा 30 अगस्त को है. (फोटो PTI)
भक्तों के लिए खुशी की बात यह है कि श्राइन बोर्ड इस बार तीर्थयात्रा की अवधि दो माह करने पर विचार कर रहा है. अगर ऐसा होता है तो यह यात्रा एक जुलाई से शुरू हो सकती है. अधिकारियों ने 24 फरवरी को इस यात्रा को लेकर श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के साथ उच्चस्तरीय बैठक की. इस बैठक में नागरिक व सुरक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि सभी संबंधित विभाग और बोर्ड पूरे समन्वय के साथ तीर्थयात्रा शुरू होने से पहले ही सभी तैयारियां पूरी कर लें. (फोटो PTI)
बीआरओ को अप्रैल के अंत तक चंदनबाड़ी और बालटाल मार्ग से बर्फ हटाने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे यात्रा की तैयारी संबंधी गतिविधियां शुरू की जाएंगी. बता दें कि यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण कार्यों की पहचान करके उनकी तकनीकी जांच भी प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए गये हैं. (फोटो ANI)
मालूम हो कि इस साल यात्रा शुरू करने से पहले रामबन में यात्री निवास भवन को पूरा कर लिया जाएगा. यात्रा शुरू होने से पहले प्रत्येक कैंप स्थान पर रोशनी, पानी के टैंक, शौचालय, जेनरेटर, पीएसपी, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, संचार टावर की स्थापना करने के निर्देश दिए गए हैं. (फोटो AP)
गौरतलब है कि अमरनाथ यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार इसको और आसान बनाने का फैसला ले चुकी है. सरकार चंदनवाड़ी और संगम के बीच 22 किलोमीटर लंबी सड़क बनाने जा रही है. इस रूट पर 11 किलोमीटर लंबी सुरंग भी तैयार की जाएगी. खास बात यह है कि 22 किलोमीटर लंबा यह रूट हर मौसम में तीर्थयात्रियों के लिए अनुकूल होगा. (फोटो ANI)
मालूम हो कि पहलगाम से करीब 40-45 किलोमीटर और बालटाल से 15 किलोमीटर दूर स्थित मंदिर का बालटाल मार्ग छोटा है. लेकिन खड़ी चढ़ाई होने के कारण लोगों को परेशानी भी होती है. जबकि पहलगाम मार्ग लंबा जरूर है लेकिन श्रद्धालुओं के लिए मंदिर तक पहुंचने को यह रास्ता आसान है. बालटाल मार्ग को एक दिन में कवर किया जा सकता है. लेकिन पहलगाम मार्ग के लिए कम से कम चार दिनों की आवश्यकता होती है. (फोटो ANI)
Source : https://hindi.news18.com